A SIMPLE KEY FOR SIDH KUNJIKA UNVEILED

A Simple Key For sidh kunjika Unveiled

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

[These are typically preliminary stotras that have to be recited right before looking through of Devi Mahatmyam/Chandi/Durga Sapthasathi. Here is it told that if this kunjika stotram is recited then there isn't a must recite these.]

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा॥

अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम् ॥ ३ ॥

मम सर्वाभीष्टसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।

Salutations for the a person who's offended, salutations towards the killer of Madhu, Salutations to at least one who was victorious more than Kaitabha, salutations to the killer of Mahisha  

श्री मनसा देवी स्तोत्रम् (महेंद्र कृतम्)

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः

समय का अभाव है तो नवरात्रि के नौ दिनों read more में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा सकती है. इससे पूजा और व्रत का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.

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